Appendicitis
Appendicitis. अपेन्डिसाइटिस
यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें LMNT उपचार बहुत ही कामयाब है जिसके किस्से सारे भारतवर्ष से हमें मिलते रहते हैं
ऐपेन्डिक्स यह सीकम के अंत में एक छोटी नलीका जैसी भाग है जिसके अंदर की रचना बड़ी आंत के म्यूकोसा जैसी है, पर इसमें ज्यादा मात्रा में लिम्फॉइड टिशु (lymphoid tissue) है। मेडिकल साइन्स कहती है इसका क्या फंक्शन है यह पता नहीं और इसलिए वे इसे काटने का भी सलाह देते हैं ।
हम मानते हैं कि शरीर का कोई अंग फालतू नहीं बनता ।
ऐपेन्डिक्स मे लिम्फाइड टिशू (lymphoid tissue ) है तो उसमें नाना प्रकार की लिंफोसाइट्स (Lymphocytes) होंगे जिनका काम है बड़ी आंत में अगर कोई कीटाणु हो तो उसको मार कर आंत में इंफेक्शन होने से बचाना । सो हम ऐपेंन्डिक्स को रक्षात्मक फौज का Army headquarters कह सकते हैं ।
बड़ी आंत में भोजन के अनपचे प्रोटीन, पुरानी टूटी सैल्स तथा अन्य अवशेष भारी मात्रा में रहते है। ये सभी अलग-अलग किस्म की प्रोटीन्स है। बड़ी आत में
पेरीस्टाल्सिस (peristalsis) काफी धीमी गति से ही चलती है । वह इसलिए कि वहां पानी काअवशोषण बहुत धीरे ही होना चाहिए नहीं तो तकलीफ होगी । जहां भी प्रोटींस की जमावट काफी देर तक हो वहां सड़ने की प्रक्रिया भी होगा ही । और साथ ही वहां कीटाणु पनपने लगेंगे जब घोर इंफेक्शन होता है वह इन्फ्लमेशन बदल जाती है । ऐपेन्डिक्स मे इन्फ्लमेशन को ही अपेन्डिसाइटिस appendicitis कहते हैं ।
हम कहते हैं ऐपेन्डिक्स में इनफ्लमेशन आने के तीन मुख्य कारण हैं - एक यह कि पेट में घोर हाइड्रोक्लोरिक एसिड पर्याप्त मात्रा में नहीं बन रही है अगर पेट कि ऐसिड ठीक होती तो भोजन द्वारा कोई कीटाणु शरीर में प्रवेश नहीं कर सकता । दूसरा उस भाग में रक्त संचार ठीक नहीं है कि घायल सैल्स वहां से जल्दी जल्दी निकल सके । तीसरा यह कि शरीर की इम्युनिटी कमजोर है अगर शरीर की इम्युनिटी ठीक होती तो शरीर में इतने प्रकार की रक्षात्मक सैल्स है कि हमें किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से डरने की जरूरत नहीं है ।
इस बीमारी में दाहिनी जांघ के ऊपर के भाग (groin) मे दर्द आ जाता है। जब तीव्र दर्द हो तो इतनी जोर से उल्टीये आती है कि वह शरीर के कुछ दूर जाकर गिर जाता है जिसे प्रोजेक्टाइल वॉमिटिंग (projectile vomiting) कहते हैं
ऐपेन्डिक्स एक नाजुक थैली है ज्यादा इन्फ्लमेशन होने पर वह थैली फट सकती है - तो सारे शरीर में इन्फ्लमेशन न फैले - इसलिए डॉक्टर उसे ऑपरेशन करके निकाल देने के लिए कहते हैं । लेकिन मुख्य बात है कि इन्फ्लमेशन रहते हुये उसे ऑपरेट (operate) नहीं कर सकते। पहले इन्फ्लमेशन को खत्म करने के लिये पेशेंट को एंटीबायोटिक की गोली लेनी पड़ती है। और जब इन्फ्लमेशन सारा खत्म हो जायेगा तब ही ऑपरेशन की तारीख देंगे ताकि दूबारा इन्फ्लमेशन से शरीर को कोई खतरा ना हो
हमारा कहना ऐसा है कि अगर LMNT उपचार द्वारा
इन्फ्लमेशन निकल गया तो ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं है। और अगर ऑपरेशन करके ऐपेन्डिक्स को निकाल दिया तो बड़ी आंत में इन्फेक्शन को रोकने के लिये रक्षात्मक फौज ही नहीं रहेगी तो क्या यह ज्यादा चिंता की बात नहीं है
किसी भी जगह में सूजन आये तो उसे LMNT उपचार द्वारा ठीक करने का एक मुख्य पहलू है उस भाग में सर्कुलेशन यानी रक्त संचार को बढ़ाना है -ताकि उधर जमे हुए फ्लूइड और घायल सैल्स सब रक्त के बहाव द्वारा निकल जाये ।
यह बीमारी प्राय स्कूल के विद्यार्थी तथा युवाओं को ही ज्यादा पीड़ित करती है पर देश भर में अनेक लोग बिना किसी ऑपरेशन के हमारे LMNT उपचार से पूर्ण रूप से ठीक हुए हैं जिसका कोई तुलना नहीं।
Neurotherapist Mukesh sharma
94143-34143
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