Chronic Constipation,कब्ज का उपचार

   

                                                         

Chronic Constipation सख्त या पुरानी कब्जी


बीमारी की जानकारी


कब्जी एक बीमारी नहीं,  सिर्फ एक लक्षण है।  लेकिन यह कई रोगों की माता है । अक्सर यही पहला लक्षण है , जो यह बताता है कि शरीर में कोई गड़बड़ी है I अगर इसे दवाई से ठीक करने की कोशिश करें तो यह दब जाता है और बाद में यही बड़ी बीमारियों का कारण बन जाता है।  यह किसी भी उम्र में किसी भी अन्य बीमारी के साथ हो सकता है।


कब्जी उसे कहते हैं जब निम्नलिखित कोई भी तकलीफ हो-


  • बहुत तकलीफ के साथ और बहुत ही कड़क लैट्रिन आना। 

  • ठीक खाना खाने पर भी रोज का रोज पेट साफ ना हो

  • या रोज दो तीन  बार जाने पर भी पेट पूरा साफ नहीं होता।


  • कुछ दिन बहुत कड़क मोशन हो और बीच-बीच में एकाघ दिन लूज मोशन या दस्त हो।



हालांकि पेट को साफ रखने का मुख्य दायित्व तो डिसेंडिंग कोलन एवं रेक्टम यानी मलाशय का ही है।

लेकिन उसके कार्य करने के लिए दो चीजों की जरूरत है - पहला यह कि मरीज सही तरीके से पर्याप्त मात्रा में पानी पीता रहे। दूसरा यह कि पाचन तंत्र के सभी भागों मुख्य रूप से छोटी एवं बड़ी आंत -का सही कार्य करना तथा Peristalsis का सही रहना बहुत जरूरी है  ।  इन दोनों को ठीक रहने के लिए निम्न चीजें ठीक करना है -


Peristalsis- इसका मतलब है अन्ननलिका के अंदर के माल को आगे ढकेलने की प्रक्रिया,  जो अपने आप चलता ही रहता है  । इसकी गति सही रहने के लिए भोजन में पर्याप्त मात्रा में रेशा  युक्त पदार्थ होनी चाहिए । रेशा युक्त पदार्थ उसे कहते हैं

 (जो पानी में घुले नहीं )

और आंतों के मल के कचरे को आगे बढ़ाने में सहायक है।  उदाहरण - चोकर - चापड़ा,  ताजी सब्जियों का सलाद , तथा अंकुरित अनाज  । 

(सलाद का मतलब टमाटर , मूली,  बंद गोभी ,  प्याज चुकंदर , अदरक , धनिया,  पालक या अन्य हरी सब्जी का मिश्रण ।


इनको अच्छी तरह धोने के बाद कांटे,  नींबू यानी कागदी  निचोड़कर नमक - मसाला मिलाये  और कच्चा ही खायें ।  अगर पसंद हो तो फलों का भी सलाद इसी तरह बना सकते हैं।


पाचन संस्थान के सभी अंगों को रक्त और पोषण तत्व सही मात्रा में मिलनी चाहिये । अगर पेट के किसी भी भाग में दबाने पर या बिना दबाये  ही दर्द हो,  तो समझ लेना कि उस भाग को पर्याप्त रक्त नहीं मिल रहा है। सो वह ठीक से कार्य नहीं करेगा।


पाचन संस्थान के सभी अंगों को उचित नर्व  और हारमोंस द्वारा ठीक समय पर संदेश मिलता रहे।  और इसके लिए दो अलग सिस्टम काम करते हैं - नर्वस सिस्टम और हार्मोन सिस्टम 

पाचन संस्थान में नर्वस सिस्टम के कार्य को दो अलग भाग करते हैं पहला है


 वेगस नर्व -  जिसका कार्य है मुंह से transverse colon तक सारे पाचन तंत्र को नर्व  द्वारा संदेश देना । तथा दूसरा है 


सेक्रल नर्व (sacral nerves)  जिसका कार्य है डिसेंडिंग कोलन को उकसाना  । 


हारमोंस के कार्य के लिए मुख्य है थायरौइड ग्लैंड -

जिसको हम शरीर का सबसे मुख्य मिस्त्री 

ऐसे समझ सकते है ।  शरीर के सभी कार्यों की देखभाल करना थायरौइड ग्लैंड के  T3 T4 हार्मोन का कार्य है।  अगर ये  हार्मोन्स ठीक मात्रा में निकले तब ही पाचन संस्थान के कार्य सुचारू रूप से चलेंगे,  वरना नहीं। 

यानी कब्जी ठीक करने के लिए हमें  इन सभी चीजों को ध्यान में रखना है और हर एक कारण को कैसे 

ठीक करना है जरा समझे


कब्जी ठीक करने की उपचार पद्धति -



कब्जी के कई कारण हो सकते हैं। हर दिन पेशेंट के pain point  के अनुसार उपचार करना है । 


A

अन्य उपचार देने से पहले Mu प्वाइंट यानि नाभी के बाई तरफ मे दर्द चेक करना है । अगर MU मे दर्द हो तो आंतों में इनफ्लमेशन खत्म करने के लिए इन्फ्लमेशन ट्रीटमेंट फॉर्मूला ITF 


 (1) 30 medulla 

 (II) 6 ADR

(lll) 6 ADR


 आजकल निम्न उपचार भी इन्फलमेशन के लिए लाभदायक है,  खासकर जब नाभि के चारो तरफ दर्द हो 



(I) ½ Ku 6 sec X2

(II) ½ Ku 13 sec X2

(lll) ½ Ku 20 Sec X2


B

अगर हार्ट के रोगी को कब्जी हो तो

1 st day  (1) P.Hep  या Angina tretment

2nd day (ll) 4 spl , 4 const, 4 mu , 4 Lt ov. 4 mu* 2 Thrd

अगर Mu* मे दर्द हो तो वह प्वाइंट न दे।

C

अगर केवल बदहजमी के कारण  आयी  हो तो पेट के अंगों में रक्त संचार सही करने के लिये  तथा पेट Set  करने के लिये - निम्न फार्मूला में से कोई भी दे सकते है

(|) Normal

(||) Ajay Normal


       या

(I) 10 medulla+ Fast

(||) Ajay Normal


        या

Round normal

1 rt ov,1Liv,1gal,1spl,1mu,1Lt.ov

Round normal  एक ऐसा अद्भुत उपचार है जो क्रम पूर्वक  बड़ी आंत के हर अंग में रक्त संचालन को बढ़ाकर उन्हें उकसाता  है इस प्रकार से वह पेरिस्टल्सिस (Peristalsis) को बढाता है।


D

इसके अलावा एक और प्रभावशाली उपचार है जो नीचे दिया गया है

(I) 6 TF 3NNS  gas gas,pan pan, Liv,gal,spl,mu,Lt ov X 3 tretment

1pt spl, 1 pt mu,1 pt Lt ov, 2 left chest only X 3 tretment


E

अब बांयी हाथ के अनामिका अंगुली एवं Mu* का दर्द यानी पीठ की बायी  तरफ चेक करें ।कई मरीज को Mu*  में दर्द आता है हमने पाया है कि ऐसे लोग पानी कम ही पीते हैं ।  हम Mu*  के दर्द और उससे आये लक्षणों को ATF एसिड ट्रीटमेंट फार्मूला देकर ठीक करते हैं 

ATF -- 8pan,1gal,3mu* 1 acid , 4 ch,only,6 ADR 


 अगर बायी अनामिका अंगुली में या Mu*  में दर्द हो तो -- ATF+4 Thrd देने से लाभ होगा 


F


अगर mu*  में दर्द नहीं हो तो शायद Gas  में दर्द हो सकता है । गुरु जी के अनुभव से यह पता है कि जिन्हें Gas  के प्वाइंट  पेट में दर्द है , उन्हें UDF आता होगा । तो सबसे पहले UDF  treatment देना और साथ में इंटेस्टाइन की गति बढ़ाने के लिए Gas i जरूर देना । इन्हें भी अंत में 4Thrd  दे सकते हैं ।


G

 थायरौइड ग्रंथि में रक्त संचार बढ़ाने के लिये- अगर

 हायपो थायरौइड -इजम (hypothyroidism) न हो तो अन्य उपचारों के अंत में 4 Thrd जोड़ना काफी है 

अगर हाइपो थायरौइड झ्जम है तो वह अपने में एक अलग बीमारी है । जब हम हायपो -थायरौइड - इजम  को ठीक करेंगे तो कब्‍जी अपने आप ठीक होगी 


H

पुरानी बीमारी हो तो डिसेंडिंग कॉलन से गुदाद्वार तक पेरीस्टाल्सिस (यानी आंतों की गति)  को बढ़ाने के लिये -

(I) 10 medulla ,4 Thrd.

(II) LSTF- 4spl,4const,4mu,4Lt,ov,4mu* 6ADR ,4Thrd 


  LSTF-  का उपचार तीन प्रकार से काम करता है पहला, वह  क्रमपूर्वक डिसेंडिंग कोलन की हर एक भाग में क्रमपूर्वक  रक्त संचार बढ़ाता है । 

 दूसरा,  वह बड़ी आंत में इन्फ्लमेशन हो तो उसे भी खत्म करता है ।

तीसरा, वह थायरौइड ग्रंथि को भी उकसाता  है ।यह महत्वपूर्ण है कि क्योंकि अगर थायरौइड ग्लैंड कम काम करें तो चयापचय की गति तथा इंटेस्टाइन की गति दोनों कम होती है । 

I

 इन सबके अलावा, अगर कैल्शियम की कमी हो तो उन्हें रात में क्रैम्पस आ सकते हैं तथा औरतो में मेन्सस भी ज्यादा आते हैं । अगर प्रौढ हो तो कहेंगे कि पैर दबाने से आराम मिलता है ।उसके लिए निम्न उपचार लाभदायक है -

(I) 1Gas only -6 point 

(II) 3 gal, 7 Liv

(III) 125 DCC


J

अगर कैल्शियम ज्यादा हो और Pan++++ यानि दर्द ज्यादा हो तो 

Formula number 4  

बहुत अच्छा है 


K

अगर एसिडिटी, गैस, के छाती में जलन -सी हो या खट्टी डकार आते है  तथा खाज ,खुजली, ऐलेरजी , चर्म रोग हो या  पेशेंट को बार-बार गुस्सा आता हो तो Gal  के point में दर्द चेक करना अगर Gal में दर्द हो तो 


(I) Vater

(II) New gal tretment 

अति उत्तम है 

गुरु जी की अतुल खोज है कि गुस्सा, चर्म रोग और कब्जी - इन तीनों लक्षणों में से कोई भी हो तो सूचक है शायद गॉलब्लैडर से पर्याप्त मात्रा में बाइल नहीं निकल रहा हैं ।


L

 सेक्रल नर्व को उकसाने के लिये -  किसी भी ट्रीटमेंट के अंत में 2 S4 ,S5  दे सकते हैं । यह उन्हें बहुत लाभदायक है जिन्हें पेशाब कम आये या पीठ का कोई प्रॉब्लम हो या B12, Folic acid ,WD  इत्यादि पॉइंट में दर्द हो ।

जरूरी नहीं हर एक  व्यक्ति मे सभी कारणों को ठीक करना पड़े ।अलग-अलग मरीजों की जरूरत के अनुसार हमें उपचार में उचित बदलाव करना है



              Neurotherapist mukesh sharma

                         94143-34143




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