AMOEBIC, DYSENTERY,COLLTIS, DIARRHEA,CROHN,S DISEASE,IBS,ETC TREATMENT

                                                            


Amoebic,Dysentery,Colitis,Diarrhea,

Crohn's Disease, IBS, Etc


ऐमीबिक,डिसेंन्टरी ,कोलाइटिस ,डायरिया,  क्रोन्स , डिजीज, IBS इत्यादि


 बड़ी ऑत में जब कोई इंफेक्शन आ जाता है तो वह इंफेक्शन समाप्त हो जाए इसके लिए छोटी ऑत 10 12 लीटर पानी बनाती है ताकि अनचाहा वस्तु 

flush out  यानी बाहर फेंक दिया जाये 

पर बड़ी ऑत इतना जल्दी पानी सोख नहीं सकती।

और उस इंफेक्शन को ज्यादा टट्टीयो से निकाला जाता है ।

अलग-अलग नाम होने पर भी इन सभी बीमारियों में मुख्य लक्षण है रोगी को लूज मोशन 

(Loose motions)

यानी दस्त के साथ नाभि के आस पास कुछ जगहों में 

तीव्र दर्द होता है।  कभी दस्त  के साथ म्यूकस (mucus)  यानि ऑव निकलता है, तो कभी रक्त भी पड़ सकता है।

 कुछ लोगों को बारी-बारी से दस्त और कब्जी होती है I

पुरानी बीमारी हो तो कुछ लोगों को बड़ी आंत में अल्सर (घाव) हो जाता है ,जो कि गैस्ट्रो एंन्डस्कोपी (gastro-endoscopy) नामक टेस्ट से पता चलता है कुछ रोगियों को बड़ी आंतरी में DYS यानि डिसेंटरी

के प्वाइंट मे तीव्र  दर्द होता है तो कुछ लोगों को const,तथा Dys दोनों में दर्द होता है।  बार बार मोशन आने के कारण कमजोरी और क्रैम्प्स आती है जी मिचलाना या उल्टियां भी हो सकती है ।

कारण

कुछ लोगों को घर से बाहर खाने के बाद ऐसा हो सकता है, जबकि कुछ लोगों को पानी या ठंडे कोल्ड ड्रिंक्स इत्यादि से ऐसी परेशानी आती है Iकुछ लोगों को एंटीबायोटिक (Anti-biotic)दवाइयों के दुष्प्रभाव से दस्त आती है, जो दवाई बंद करने के बाद बंद हो जाते हैं । Antibiotic दवाइयों से आंतडियो की हितकारी बैक्टीरिया भी मर जाती है, सो वे हमारी रक्षा नहीं कर पाती, जिससे बाहरी कीटाणु आसानी से अंदर घुसने में समर्थ हो जाते हैं ।

मानसिक तनाव और टेंशन के कारण भी दस्त आ सकती है उदाहरण - बच्चों में परीक्षा के पहले दिन में पेट खराब रहना इत्यादि 


इन बीमारियों से संबंधित कुछ मुख्य शब्दों के अर्थ


  • Colon कोलन यानी बड़ी आंत (लंबाई1.5 मीटर)  जो ईलियम से गुदा द्वार तक फैला हुआ है।


  • itis यानी इन्फ्लमेशन का सूचक है।


  • Colitis कोलाइटिस यानी बड़ी आंत में इन्फ्लमेशन ।  इसमें प्रमुख दो प्रकार है -ulcerative colitis तथा mucus colitis


  • Diarrhea डयरिया यानी बार-बार पानी जैसे मोशन (motions) यानि दस्त का आना।


  • Dysentery डिसेंट्री - उसे कहते हैं जब दस्त मे  रक्त भी निकलता हो। -


  • Amebic dysentery अमीबिक डिसेंट्री या amebiasis अमीबियासिस - इसमें stools  टैस्ट में ameba नामक खास कीटाणु नजर आते हैं l


  • Irritable bowel syndrome (IBS) 


तीव्र पेट दर्द के साथ बार -बार लैट्रिन जाने की इच्छा होना । पेट साफ होने पर दर्द कम हो जाता है । कभी दस्त जल्दी आ जाते हैं , तो कभी देर लगती है,  फिर भी पेट ठीक से साफ नहीं होता । कभी खाना खाने के तुरंत बाद ऐसा लगता है कि मोशन आयेंगे पर आते नहीं,  ऐसा भी हो सकता है -  ऐसे कई महीनों तक चलते रहता है ।यह स्थिति टेंशन से बढ़ती है ।पहले यह पश्चिमी देशों के लोगों में ही हुआ करती थी,  पर पिछले कुछ दशकों से हमारे देश में भी executives तथा स्कूल- कॉलेज की विद्यार्थियों में पायी जा रही है ।


  • Crohn,s disease ,Regional iletis ( रीजनल इलीआइटिस ,IBS   यह पुरानी बीमारीयॉ है ।जिसमें पेट दर्द और दस्त होता है


  • आजकल ऊपर की सभी बीमारियों को एक ही नाम से जाना जाता है जिसे inflammatory bowl disease कहते हैं ।


इन बीमारियों के कोई खास लक्षण या डायग्नोसिस  टेस्ट नहीं है


ऐसी बीमारियों में LMNT  उपचार ही बहुत कामयाब है । सभी व्यक्तियों को एक जैसे लक्षण नहीं होते । मोशन यानी दस्त कितनी बार आती है और LMNT  के किन-किन पॉइंट में दर्द है ,उनके अनुसार उपचार बदलते जाना है । उपचार तथा उसके (logic) लॉजिक के बारे में पहले ही NT formulas मे Abdomen pain releasing treatments मे , लिखा गया है । अगर मोशन में रक्त भी आ रहा हो तो किसी भी उपचार के अंत में 4 THRD  जमा कर देना जिससे आयोडीन निकलेगा जो कि घाव को जल्दी भरने में मदद करेगा।



  • LMNT के अनुसार इन सभी बीमारियों के मुख्य कारण है - पेट में एसिड का कम बनना या नहीं बनना ' पाचन संस्थान का बिगड़ना तथा शरीर में इम्यूनिटी का कम रहना । सो जब तक इन सभी को ठीक नहीं किया जाय  तब तक पेशेंट को पूरी तरह राहत नहीं मिलेगी। यह तब तक देते जाना जब

  • अगर गैस वाले पॉइंट में दर्द हो तो सूचक है कि पेट में एसिड नहीं बन रही है ।तो सब से पहले ट्रीटमेंट है


CNNS Gas Gas - all 3 sides



  •  यह तब तक देते जाना जब तक Gas  वाले पॉइंट में दर्द काफी कम हो जाय।  इससे तुरंत राहत मिलेगी इसके बाद दस्त को कम करने का उपचार देना है।


  • अगर दिन में 10 बार या उससे ज्यादा बार दस्त हो रहा हो तो


(6) SWT (8) Pan (3) Mu (3) LIV X 3




  • इसके बाद MU o  का दर्द चेक करना है शरीर में अत्यधिक अत्यधिक पानी यानी 

एल्कली निकल जाने के कारण MU o  में दर्द हो सकता है।  अगर ऐसा हो तो भी वह तात्कालिक है । तो पहले 


Natural formula 


 देना उसके बाद भी अगर MU o का दर्द न निकले तब


 Mild acid formula  दे


  • अगर दिन में 5-6 बार दस्त हो तो


(I) (6) SWT


(II) (6)SWT (8) Pan (3)Mu (3) Liv X 2



  • दिन में तीन चार बार दस्त हो तो

(I)   (6) SWT X2


(II)  (6)SWT (8) Pan (3)Mu (3) Liv 




  • अगर MU  वाले पॉइंट में दर्द हो तो यह सूचक है पेट या आंतडियो में इन्फ्लमेशन है -इसके लिए सबसे बढ़िया है


ITF inflammation treatment formula



  • दस्त के लिए निम्न उपचार में भी लाभदायक है


(I) 6 SWT 

नौर एपीनेफरीन द्वारा इंटेस्टाइन की मोटिलिटी यानी गति को रोकने के लिए

(II) ½ ku 20 seconds X 6

इन्फ्लमेशन तथा इंफेक्शन दोनों को मदद करेगा




  • General body weakness  के लिये



Jeevan Dhara formula 

 भी बहुत उपयोगी है


  • चाय के पाउडर कच्चा खाने से तुरंत लाभ है । साथ ही थोड़ा गुड़ खा लेने से कमजोरी भी खत्म हो जाएगी


  • बार-बार मोशन आये तो उसे क्रैम्प्स  भी आ सकती हैं।  तब एकाध  दिनों के लिए उन्हें 


 125 DCC 


का उपचार दें लेकिन जब तक दस्त हो तब तक इस का क्रम इस प्रकार होना चाहिए


(7) Liv (4) para (7) Mu o (7) Liv o (20) round arrow (8) Ch. Only


  • जब मोशन नॉर्मल हो  और फिर भी शरीर में ऐंठन सा लगे तो 125 डीसीसी फार्मूले का क्रम बदल देना यानि

(7) Liv o (7) My o (8) Ch.only (20) Round arrow 



  • ध्यान रहे जबकि APR  फार्मूला में लिखा गया है,  लूज मोशन को ठीक करने के लिए हम Peristalsis  की गति को रोकते हैं ' । कुछ दिन बाद जब उसके मोशन बिल्कुल नॉर्मल हो जाए तो कम से कम 1 दिन के लिए 


NAN / FAN


देना भूलना नहीं 


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              Neurotherapist Mukesh Sharma

                            94143-34143


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